Best 150+ Badmashi shayari | बदमाशी शायरी हिंदी में (2024)।

दोस्तों जब बात आपके आत्म सम्मान की हो तो दिल समझौता नहीं करता है और आपके मन की बात जुबां से निकल ही आती है जिसे badmashi shayari भी कह सकते हैं, इस तरह शायरी आपके दिल की आवाज होती है जिसे आप दबा नहीं सकते, आप अपने सम्मान के साथ समझौता नहीं करते है ।

इस पोस्ट में आप सभी दोस्तों के लिए साझा कर हा हूँ Badmashi shayari in hindi, Badmashi shayari images, Badmashi shayari qoutes in hindi, 2 line gangster shayari in hindi, Badmashi shayari in hindi status और बहुत दबंग प्रकार की शायरी जो आपको आपके दोस्तों के महिल में आलग पहचान दिला देगी।

Badmashi shayari in hindi

Badmashi shayari

हमारे खौफ से थर्राती है ये दुनिया
हमारे शौक का लोग अहतराम करते हैं
हम जिस जगह ठहर जाते हैं
वहीं पर लोग हर चीज का इंतजाम करते हैं ।


हम रखते हैं शेर का जिगरा
तुम जैसे गीदड़ों का शिकार करते हैं
अगर हमसे टकराओगे तो मिटा दूंगा
नहीं तो हम भी सभी से प्यार करते हैं ।


शहर में बस अपना ही अपना बोल-बाला है
ये शौक है हमारा इसे हमने बेखौफ पाला है
हमने छीन लिया है सुख चैन उन सबका
जिसने हमारे इलाके पे नजर डाला है।


Badmashi status

Badmashi shayari

हम तो बस शौक के लिए रखते हैं
खौफ तो लोग हमें देखकर ही खाते हैं
यंहा सिक्का तो बस अपना ही चलता है
बाकी लोग तो बस यूं ही छटपटाते हैं।


वक्त तुम्हारा भी था और हमारा भी है
तुम से न हुआ हमने उसे बदल डाला है
ये अब हमारी दुनिया है मेरे दोस्त
तुमने तो बस देखा था, हमने इसे संभाला है।


हम भूले नहीं हैं तुझे तू मेरे निशाने में है
तेरी भलाई मुझसे दूर कहीं  जाने में है
तुझे लगता है तू रंगबाज है तेरी चलती है
तो मुझसा कोई बदमाश नहीं जमाने में है।।


बहुत बड़ी भूल करदी है तुमने
मुझको नजर अंदाज करके,
मेरी ही गली में अभी भटक रहा है
क्या फायदा खुद पर नाज करके।


Badmashi shayari 2 line

Badmashi shayari

पहचान बताने की जरूरत नहीं है
खौफ का दूसरा नाम हूँ मै
मेरी आदत से तुम वाकिफ नहीं हो
इसी आदत के लिए ही बदनाम हूँ मै।


मिट गए मेरी हस्ती को मिटाने वाले
बाकी है अदब से सर को झुकाने वाले
मेरी दुनिया में तुम्हारा भी इस्तेकबाल है
कब से हैं फिराक में ये जमाने वाले।

मेरी खामोशियों को कमजोरी न समझ
इन निगाहों से बच कर किधर जाएगा
अभी वक्त है खुद ही संभाल ले खुद को
वक्त के जाने के बाद तू बहुत पछतायेगा।


हमारी ख़ामोशी का चर्चा पूरे शहर में है
ये न समझो हमारा अंदाज बदल गया है
कुछ पल के खुद को बदल कर देखा है
तुम्हारी भूल है कि हमारा मिजाज बदल गया।


Badmashi shayari

समन्दर की लहर बस शांत हुई है
उठेगी तो सबकुछ डूबा देगी
तुम्हारे अकड़ के पतवारों  को
एक ही झटके में किनारे लगा देगी।।


तुम अपने हद से बाहर न आओ
ये  हद नहीं तुम्हारी जीवन रेखा
गुजर गए अगर अपने हद से तुम
तो न जाने कहाँ हो जाओगे गुम।।


Badmashi dialogues

हम वो हैं जो हर किसी के सामने
बात-बात पर हाथ जोड़ते नहीं हैं।
हमसे टकराने की कोशिस मत करना
वरना हम भी किसी को छोड़ते नहीं है।


Badmashi shayari

क्यूं हमसे उलझने के कोशिस में हो
औकात नहीं है हमसे टकराने की,
किनारे पर बैठ कर ख्वाब देखता है
इस समंदर में उतर जाने की ।

अकड़ तेरी कुछ पल में निकल जायेगी
तेरीऔकात भी आज बदल जाएगी
हमसे उलझे तो अंजाम बुरा होगा
टकरा के मिलेगा वो इनाम बुरा होगा।।


कई तूफ़ान हमसे टकरा के लौट चुके है
कोई डाली नहीं जो झुक जाऊँगा
मेरी हद से दूर रहने में ही भलाई है
मेरे दायरे में आ गया तो बहुत बुराई है।


Badmashi shayari copy

Badmashi shayari

अपना  तो अलग ही किस्सा है
किताबों में नहीं मिलेगा ।
मेरे कारनामो अंदाजा मत लगा
तुझे किसी हिसाबों में नहीं मिलगा ।


अभी तो सुरु हुई अपनी कहानी
हर लबों पर अपना ही फ़साना होगा
इन जलवो का अहतराम तू भी करगा
इन कदमो के तले सारा ज़माना होगा।


मेरी सराफत से तुमको हैरानी है
चलो बदल लेते हैं अंदाज फिरसे
फिर मत कहना कि बुरा हो गया हूँ
बदला सा हो गया है मिजाज फिरसे।


मिजाज हमारा बदला तो तू शहर छोड़ देगा
गली कूचे और अपना ही घर छोड़ देगा ।
हमसे टकराने का मजाल मत करना करना
वरना बची हुई जिन्दगी का सफ़र छोड़ देगा।


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2 line Badmashi shayari in hindi

Badmashi shayari

हस्तियाँ मिट गयी हैं मुझे मिटाने में
कोई पैदा ही नहीं हुआ है जमाने में
हम अदब से अपना सर झुका लेते हैं
वरना सारी उमर निकल जायेगी मुझे गिराने में।


मै अकेला ही काफी हूँ नबाबों सा जिगर रखता हूँ
तुम्हारे जैसे मुझे झुक कर सलाम करते हैं
मेरी हैसियत को मिटाने की कोशिस बेकार है
तुम्हारे जैसे मेरे बागानों में काम करते हैं।।


चराग हूँ कोई अँधेरा नहीं जो,
उजाले के आने से घबरा जायेंगे
आफ़ताब ने जलना छोड़ दिया तो
तो हम भी औकात में आ जायेंगे ।।


Badmashi shayari

मै किसी भीड़ का हिस्सा नहीं हूँ
इतिहास हूँ कोई किस्सा नही हूँ
मेरी औकात का तू अंदाजा न लगा
तेरे जैसा मै कभी बिकता नहीं हूँ ।।


तू मुझसे उलझने की कोशिस न कर
तेरी औकात नहीं मुझसे टकराने की
हद से बाहर अगर निकलन गया तू
नामो निशान मिट जाएगा जमाने से।


मुझसे उलझा तो अंजाम बुरा होगा
मेरा भी तुझसे इंतकाम बुरा होगा ,
जिन्दगी को काटना मुश्किल  हो जाएगा
तेरे जिन्दगी का हर सुबह-शाम बुरा होगा।


रहना है अगर इस शहर में
तो मुझसे टकराना छोड़ दे
और भी डगर है गुजर जाने की
इस गली से आना-जाना छोड़ दे।।


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