टूटे दिल की फ़रियाद रब भी सुनता नहीं है लवों पर आ ही जाता है दर्द छुपता नहीं है जब भी उसकी याद आती है कभी तन्हाई में दामन भिगो देता हैं अश्क रुकता नहीं है ।।

मुस्कुरा के हमने दर्द को अपना बना लिया है टूटे हुए दिल से हर एक सपना सजा लिया है नीदों में भी खलल रहती उसकी यादों की दाग दामन पर उस बेवफा का लगा लिया है ।

फिर आशिकी का कभी ख्याल नही आयगा इस दिल को अब कोई मलाल नहीं आयेगा हमको दे के दर्द वो अपने शहर जा चुकी है पूछने इस दिल का कोई हाल नहीं आयेगा ।।

टूटने के बाद हो गयी पहचान जिन्दगी का हमने भी मान लिया है अहसान जिन्दगी का मेरे इस जहां से जाने का कुछ तो मलाल होगा लेकिन चर्चे में रहेंगे मेरे दास्तान जिन्दगी का ।।

मेरे वफ़ा की कश्ती को किनारा भी न मिला उस बेवफा को किसने पतवार दे दिया है हमारे हिस्से में बस दर्द और आंशू ही रहे उसको खुशियों का सारा संसार दे दिया है।।

सांस है अभी मुझमे दर्द सहने के लिए कोई तो दवा दे मुझे चुप रहने के लिए टूटा हूँ बिखरा नहीं हूँ घबराती क्यों हो लव मचल रहे हैं तुझे इश्क कहने के लिए ।।

टूट हुए दिल की फ़रियाद सुनता गर कोई मेरे राहों के बिखरे काँटों को चुनता गर कोई मै भी इश्क के बाजार से वफ़ा खरीद लेता वफ़ा को बेचने वाला मिलता अगर कोई ।।

चाहत के गुल की डाली मुरझाने लगी है उससे बेवफाई की महक आने लगी है इस टूटे दिल का दर्द सहा नहीं जाता है और वो मेरे हालात पर मुस्कुराने लगी है ।।