दोस्तों इस पोस्ट में आप सभी के लिए साझा कर रहे हैं short moral stories in hindi छोटी-छोटी नैतिक कहानियाँ, ऐसी कहानियाँ जो आपने अपने बचपन में आपने परिवार से जरूर सुना होगा, इन कहानियों से एक बेहतर सामजिक वातरण के परिदृश्य की समझ पैदा करती हैं ए कहानियाँ आपको आपके नैतिक मूल्यों को याद दिलाती हैं ।
हमें आशा हैं इस प्रकार की नैतिक कहानियाँ short moral stories in hindi आपके मन मस्तिष्क में एक अलग विचारों हलचल जरूर करेंगी, इन कहानियों के माध्यम से छोटे बच्चों को में नैतिकता का बोध कराया जा सकता है।
ईमानदारी का फल
एक गाँव में एक किसान मंगल रहता है वह बहुत ही गरीब था, वह अपनी गरीबी को दूर करने के लिए रात दिन एक करके मेहनत करता था, एक दिन की बात है वह अपने खेतों में जुताई कर रहा था जुताई के दौरान उसको एक चमकदार वस्तु दिखाई देती है, वह जब उसके पास जा कर देखता है तो वह किसी का बटुआ है, मंगल बटुए को खोलता है, उसमे सोने के सिक्के देख वह चौक जाता है ।
मंगल के मन में एक प्रकार का लालच आ जाता है, वह सोचने लगता है काश यह मुझे मिल जाता हो मेरे सभी दुःख दूर हो जाते मै भी अमीर हो जाता, मै इन सिक्कों से अपने लिए एक छोटा सा मकान भे बना लेता।
फिर उसके मन अचानक से यह ख्याल आ जाता है, नहीं यह तो किसी और का मै इसे कैसे ले सकता हूँ, वह सोचने लगता है यह बटुआ जिसका भी है मै उसे लौटा दूंगा, यह मेरा नहीं है मै इसका मालिक नहीं हूँ।
मंगल सोने से भरे बटुए को गाँव के प्रधान के पास ले जाता है, प्रधान बटुए को देख कहता है यह तुमने कहाँ से चुराया है, गरीब किसान यह सुनकर दंग रह जाता है, वह घबराकर कर कहता है प्रधान जी मैंने इसी चुराया नहीं है, यह मुझे खेतों में काम करते समय मिला है ।
प्रधान, किसान मंगल के चेहरे के भाव को देखकर समझ जाता है कि यह झूठ नहीं बोल रहा है, इसको जरूर यह बटुआ खेतों में मिला होगा ।
प्रधान ने मंगल को देखा और कहा आपने सारे गाँव के सामने इस सोने से भरे सिक्के को लौटाया है, आपने इमानदारी दिखाई है, जाओ मै खुश होकर आपको इन सिक्कों मेसे आधे सिक्के देना की घोषणा करता हूँ ।
Best Emotional story in hindi| दिल को छु जाने वाली कहानी ।
मगल यह सुनकर खुसी के मारे झूम उठा, वह मन ही मन सोचने लगा इमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है ।
मंगल ने प्रधान से मिले उन सोने के सिक्कों को अपने खेती को और बेहतर बनाने और टूटे फूटे घर को सवारने में किया, किसान मंगल के यह इमानदारी पूरी गां में एक उदाहरण के दौर पर देखि जाने लगी, हर एक व्यक्ति के जुबां पर बस केवल मंगल के ही चर्चे होने लगे।
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