दोस्तों आप सभी के लिए लाये हैं बेहतरीन Two line heart touching shayari जो आपके अहसास को और भी ताजा कर देगी और आपके दिल के तारो को झनझना देगी, आपको अपना सा लगने वाले इन शब्दों के खूबसूरत से तालमेल का आनंद लीजिये ।
हम आप सभी दोस्तों के साझा कर रहें हैं बहुत ही खूबसूरत two line heart touching shayari, two Line heart touching Quotes, Heart touching shayari, दिल को छूलेनी वाली लाइने, जिसे आप अपने फ्रेंड्स रिलेटिव के साथ सोशल मिडिया पर शेयर कर अपने दिल की भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं ।
आपके दिल के अहसास को अपना महसूस कराने वाली Two line heart touching shayari शायरी आपको यहाँ पढने को मिलेगी जो आपके दिल की बात जैसा महसूस कराएगी दिल की बात जुबां तक लाएगी ।
Heart touching shayari in hindi
दिल के अहसास के अल्फाजों को
कागज़ के टुकड़ों में परोसता चला गया,
इक उम्मीद भरी नजरो से देखा उसे
और रास्ते से मै खामोश सा चला गया
इस कदर जिन्दगी को निभाता चला गया
बे दर्द सी दुनिया में मुस्कराता चला गया
कोई फ़रियाद न सुनी मेरी इस जामने में
फिर भी हाल-ए-दिल सबको सुनाता चला गया
मेरे वक्त का कोई मोल नहीं है जमाने में
हम वक्त यूं ही गुजार बैठे उन्हें बताने में
जिन्दगी में सलीका अब जाके समझ आया
दर्द अक्सर बयान होता है मुस्कराने में ।
हर तरफ दर्द का आलम रहा है जिंदगानी में,
कुछ फैसले ले लिए थे हमने नादानी में
मुझको समझने की कोई किताब कैसे मिलेगी
हम तो रह गए थे बस उसकी कहानी में।
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Heart touching emostional shayari
अश्क के काबिल पलकों को संभाल रखा है
मोतियों को अभी तक सीप में डाल रखा है
न जाने कब बरस जायें थर्राई आखे मेरी
मैंने ही बहाने से उस वजह को टाल रखा है
कई ख्वाब टूटे हैं मै कई रात सोया नहीं
बिखर गए अहसास जिन्दगी के संजोया नहीं
आके पलकों पे आसुओं की महफ़िल सी रही
फिर भी मै सहमा नहीं और रोया नहीं।
मेरे आंसुओं को मुझसे गिला रहता है
पलकों मर कोई मोती सा खिला रहत है
बेवजह न कब बरस जाते हैं आँखों से मेरे
जख्म जो था वो अब भी हरा रहता है ।।
दर्द का आलम आज सुहाना लग रहा है
कोई अपना होकर भी बेगाना लग रहा है
जिसकी परवाह में दिल पल-पल रहता है
उसी को आज फिर अनजाना लग रहा है।
Two line heart touching shayari for life
कोई दर्द की कहानी में जी रहा है
कोई किसी की मेहरबानी में जी रहा है
आलम ऐसा हो गया है जीने के लिए
भीड़ में तन्हा जिंदगानी को जी रहा है ।।
सुकून की तलाश में निगाहें परेशां हो गयीं हैं
दर्द सहने की आदत से बेजुबां हो गयी हैं
अपना हाले दिल सुनाने से अब तो डरती हैं यें
अश्क से रिश्ते तोड़ के सबसे जुदा हो गयी हैं ये ।।
बेवजह ख्वाब आते है दर्द मचल जाता है
रात की तन्हाइयों में अश्क निकल जाता है
मै बदलते वक्त में जीने की कोशिश करता हूँ
वक्त है मुझसे पहले ही बदल जाता है।
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2 Line Heart touching hindi shayari
सफ़र जिंदगानी मेरा भी गुजर जाने दे
बोझ तेरे कर्ज का है जो उसे उतर जाने दे
मेरे दर्द की तुम कोई परवाह न करो
टूटा हूँ सम्भालों न मुझे बिखर जाने दो।
मंजिल को तरसती इन निगाहों से पूछते
तुम हाल हमारा इन राहों से पूंछते
क़दमों के निशा कोई मिटाता चला गया है
मुझे दर्द में देख कोई मुस्कुराता चल गया है ।
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उसकी गली तक कोई डगर जाती नहीं
हर सू ढूढंता हो वो नजर आती नहीं
उसकी चाहत में इस कदर खो चूका हूँ
इश्क की महफ़िल में भी तनहा हो चुका हूँ।
ख़्वाबों का कोई शहर छूट गया मुझसे
मेरी हसरतों का घर छूट गया मुझसे
मै वेखुदी में उसको मनाता रह गया
वे वजह कोई अपना रूठ गया मुझसे।
आइने में खुद को निहार के देखता
टूट के फिर से सवांर के देखता हूँ
हो न जाऊं तनहा तेरी महफ़िल में
इसलिए खुद को ही पुकार के देखता हूँ।।
चराग को आँधियों से टकराना नहीं आया
सुबह तक उसको जल जाना नहीं आया
किसी पतंगे ने उसके लौ को थर्रा दिया है
आज फिर जलने वाले को बुझा दिया है ।।
Heart touching shayari for love life
मेरे अहसास को दर्द का हिस्सा बना दिया
खुली किताब था मै इक किस्सा बना दिया
मै खुद को उसके काबिल बना नहीं पाया
लेकिन उसने मुझको बुत सा (वेजान) बना दिया।
उन दरख्तों के शाये में अब है जिन्दगी
जिनके शाखों के जर जर से हालत हैं
थोड़ी सी हवावों सी जो सिहरने लगे हैं
उनसे तूफानों में फिर आज मुलाक़ात है ।
अश्क का दरिया समंदर भर गया है
दर्द फिर से जख्म ताजा कर गया है
रंग जिन्दगी के गुलों का फिर बेरंग हैं
सादगी भर बची है बाकी उतर गया है ।।
आइना मेरी पहले सी सूरत मांगता है
मुस्कराने की मुझमे जरूरत मांगता है
वो मेरी हकिकत से शायद वाकिफ नहीं
शीसा हूँ मुझमे पत्थर की मूरत मांगता है।
मुझको दरिया की गवाही मंजूर न थी
समंदर से साजिश की थी खुद को मिटाने की
ऐसा लगा कि एक मै ही सहरा में प्यासा हूँ
अब पता प्यास और भी गहरी है इस जमाने की।
अब तो रेत सी फिसलती जा रही है
जिन्दगी ऐसे ही निकलती जा रही है
कभी गुमान किया करते आयने के सामने
रफ्ता-रफ्ता चेहरे की रौनक ढलती जा रही है।
राज था उसको सरेआम कर दिया उसने
भरी बज्म मुझको बदनाम कर दिया उसने
मै तो उसकी चाहत में मिटना चाहता था
लेकिन भरे बाजार नीलम कर दिया उसने।
उसके काबिल नहीं रहा नाकाम हो गया हूँ
उसकी महफ़िल में आके बदनाम हो गया हूं
इक राज था मै खामोशियों के नजर था
आज आखिर मै सरेआम हो गया हूँ।
मुझको यूं ही परेशान रहने दिया था उसने
अब तो थोड़ा सा अहसान रहने दिया उसने
ना जाने किस महफ़िल की चले गए वो
इस बस्ती मे मेरे घर को बिरान रहने दिया उसने।
मुकद्दर के इस खेल में हारता ही रह गया
टूटी हुई खुशियों को सवांरता ही रह गया
मेरे हाथों की लकीरों में लिखा था नाम उसका
बेवजह ही गली-गली उसे पुकारता मै रह गया।
सबको मिले ज़माने में मुकद्दर के रास्ते
हम ही तन्हा रह गए इस शहर के वास्ते
जाने क्या चाहत थी हम छोड़ नहीं पाए
इस गली से ही गुजरे थे मेरे घर के रास्ते।
इस दिल की हसरत भी परेशान कर गयी है
मिली न मोहब्बत बेईमान कर गयी है
अबतो आसुओं से मेरा दामन ही भर गया
बस टूटे हुए जिगर से मेरी पहचान कर गयी है ।
आइना ही हूँ टूट के बिखर जाने दो
इक नशा था इसको उतर जाने दो
मेरी किस्मत पर मुझको भी नाज है
थोडा सा वक्त दो इसे संवर जाने दो।
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