आज हम आपके साथ साझा कर रहे हैं Kavitayen in hindi जैसा की आपको ज्ञात है कविता हमारे काव्य का एक विशेष प्रकार है जिसमे कोई कवि अपनी कल्पनाओं से लय एवं छंद के साथ भांषा के अलंकृत स्वरूप के साथ लिखता है ।
कवि काव्य में सौन्दर्य रूप से किसी वस्तु, स्थान, मौसम, सुन्दरता, मनमोहकता, बनावट धरती, नभ, चाँद, सूरज आदि भिन्न प्रकार के विषयों पर अपनी कल्पनाओं से एक काल्पनिक छाया चित्र उकेरता जिसे सुन व पढ़कर किसी भी पाठक का मन प्रफुल्लित हो जाता है ।
आप सभी के साथ Kavitayen in hindi की पोस्ट साझा कर रहे हैं हमे आशा है कि इस सीरीज में साझा की जाने वाली Kavita, Kavita in hindi, hindi Kavita जैसे भिन्न प्रकार के लेख आपको अवश्य प्रस्तु किये जायेंगे ।
फूल और कली Kavitayen in hindi
हंसी इक पुष्प की मधुर लगी
मै भी हंस पड़ा उसी के संग में
रंग गया आज उन्ही के रंग में
जैसी खिली धुप हो किरणों के संग में
ओस की बूँद से ठिठुरता हुआ
मुस्कुराता हुआ खिल रहा है
अपनी कोमल से बाहों के
खुसबू से आके मिल रहा है ।
हंस रहा था भोर की बाहों में आकर
काँटों से मिलके अभी ताजा हवा ली थी
सुगन्धित मन से महका रहा है
इस धरा के आँगन को,
सोंच में डूबा था सौंप दूं किसी को
अपने नन्हे जीवन को ।
मुझसे आँखे मिला के
रात की कहानी सुनानी थी उसे
कोई कली भोर तक पहचानी थी उसे
धुप अपने तन पर लपेट कर आया था
उल्झे हुए पलों को समेट कर आया था ।
आहट भी धुप की तेज सुनाई दे रही थे
मन में द्वन्द की घटा दिखाई दे रही थी
फिर संध्या के डर से सिमटने लगा था
फूल था कली से लिपटने लगा था है।
कुछ थे जो मुस्कुरा रहे थे
गीत ख़ुशी के गा रहे थे
फिर गिर पड़ी ओस की बूंदे
आहट रात के तारों की आई
फिर कली को डर सताने लगा ।
सर्द मौसम और ठिठुरती रातें
कपकपी से लग रही थी
मस्तिस्क में आभिलाश के
ज्योति सुलग रही रही थी।
भौंरों की गुनगुन से नींद टूट गयी
किसी कल्पना में डूबे रहे भोर तक
फिर कोई फूल अपनी खुसबू से महका
जाएगा इस मधुबन को
रंग बिखर बिखर जायेंगे
मुरझाने की आस होगी ।
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