तेरे इश्क की गली से नजर हटती नहीं है बेचैन हो रात हूँ रात कटती नही है, परिंदों की तरह परवाज करना है मुझे लेकिन धुंध तेरे चाहत की छटती नहीं है

तेरा सुरूर है कि अबतो उतरता नहीं है इश्क के सिवा दिल कुछ करता नही है बस तुम्हारे ख्वाब हैं हमारी आखों में इन नजरों में और कुछ भे ठहरता नहीं हैं।

राज सारे दिल के जुबां तक आ गए हम भी कहाँ से चलके कहाँ तक आ गए इश्क का सफ़र बस यूं ही कट रहा है चाहत के रास्ते से दिलके मकां तक आ गए।

कई जन्मो तक तुमसे वादे वफ़ा रखना है तुमको ही दिल की धड़कन में बसा रखना है मेरी दिल की दुआ में शामिल रहना जरूर बस तुमसे इबादत है तुमको खुदा रखना है।

तुमसे आशिकी का हुनर सीखा है हमने दरदे-दिल और दरदे-जिगर सीखा है हमने किस तरह टूट के चाहना है किसी को कैसे नजरो का होता है असर सीखा है हमने