Vinesh  Phogaat  टॉप 10  शायरी  

तू अपने हुनर को अपना हथियार बना अपने इरादों और भी धार दार बना जो ख्वाब हकीकत में परेशां करते हो उन्ही ख्वाबों को तू अपना शिकार बना ।

अपनी ख्वाहिसों को बदलने मत देना ये हैं तो हुनर है तुझमे में जीने के लिए दर्द में भी मुस्कुरा के उतर जा मैदान में    जख्म होते ही हैं गहरे सीने के लिए ।।

तूफ़ान में जो ठहरा रहा कोई  वो समंदर को भी पार कर जायेगा जमी भी उसके कदमों को चूम लेगी ये आसमान भी उसी के सर आयेगा।

कुछ कर गुजर जाने की तमन्ना रखते हैं ।  समन्दर में उतर जाने की तमन्ना रखते हैं ।  हमारी हालत पर हंस मत जालिम, हम तो बिखर कर भी संवर जाने के तमन्ना रखते हैं।।

हौसला है तुझमे उड़ान भरले, सारा आसमान तुझे निहारता है गर  इरादे बुलंद हैं  तो बदल देगा, मंजिल राही को ही पुकारता है ।।

खींच अपने किस्मत की लकीरों को तेरी अथेली इसका तलबगार रहेगी छोड़ दरिया को समंदर तलाश कर अबतो तेरी कश्ती भी उस पार रहेगी ।।

मंजिल दूर नहीं अगर ठान लीजिये अपनी ताकत को तुम पहचान लीजिये आप भी बदल सकते हैं किस्मतों को आप में हुनर है ये भी मान लीजिये।।