Top 10 Desh Bhakti Shayari

लहू मेरे जिगर का कुछ काम तो आया शहीदों में सही लवों पर नाम तो आया। जाँ से प्यार वतन इस की शान के खातिर जब मर तो इस दिल को आराम तो आया।।

न झुकने देना कभी इसके मान को, न मिटने देना कभी इसकी शान को। चाहे कुर्बान करनी पड़े जान को।। अपने सीने से इसको लगाए रखना ये तिरंगा यूं ही उठाये रखना।

काश मरने के बाद भी वतन के काम आता शहीदों के दुनिया में अपना भी नाम आता हंस के लुटा देते जान इस वतन के लिए कोई फिक्र नहीं होती गर ऐसा मुकाम आता।।

इसकी शान निराली है इसकी पहचान निराली है इसपर जाँ जो मिट जाए ऐसी जाँ फिर किस्मत वाली है।।

झुकने न देंगे तेरे स्वाभिमान को चाहे दावं पर लगानी पड़े जान को हम मिट गए तो कुछ गम नहीं मिटने न देंगे तेरी पहचान को ।।

मर मिटेंगे हम अपने वतन के लिए , जान कुर्बान है प्यारे चमन के लिए हमसे हमारी अब हसरत न पूछो बाँध रखा सर पे तिरंगा कफ़न के लिए ।।

अब लहू से इस चमन को सीचेंगे हम इसके खातिर जवानी लुटा जायेंगे कोई दुश्मन की नजर लगे न इसे इसके सदके में खुद को बिछा जायेंगे।।

ये जोश कभी कम नहीं होगा, वीरों के बलिदानों से आया है। कितनो ने लहू बहाया है, तब जा के तिरंगा पाया है ।।