एक मुलाकात तो कर अपने दीवाने से,
हाल-ए-दिल पूँछ तो सही किसी बहाने से ।
कबसे से इंताजर है तेरा, अब सहा नहीं जाता ।
इक मुलाकात के बिन रहा नहीं जाता ।।
तेरी तेरी योदों के आशियाने में रात गुजारी है।
एक मुलाक़ात के बहाने में रात गुजारी है।।
आके फिर नहीं जाना मुझको चाहने वाले।
अकेले तन्हा तेरे दीवाने ने रात गुजारी है।।
मुझे मेरे मोहब्बत के काबिल बना के जा।
तेरे इन्तजार का कुछ तो हासिल बना के जा।
तेरे जाने से तनहाइयों का असर हो जायेगा।
जान मेरी ले जा, मुझे अपना दिल बना के जा ।।