चांदनी रात गुन गुनाती रही,
सर्द हवा सनसनाती रही ।
क्या बताऊँ तुझे तेरे बिना,
तेरी कितनी याद मुझको आती रही।।
तेरे पास आने को जी चाहता है,
तेरे संग मुस्कराने को जी चाहता है।
तेरी तस्वीर आँखों से ओझल किया,
फिर भी ख्यालों में तू मुस्कराती रही ।।
मिलो तो हाल-ए-दिल दिल सुनाऊंगा,
हर राज अपने दिल का बताऊंगा।
कबसे संभाला रखा है इस दिल को,
मिले गर तो कुछ कह न पाउँगा ।।
मोहब्बत के सुहाने पल खोना नहीं,
यादों में संभाल कर रख लीजिएगा ।
हर किसी जहां में मिलता नहीं है,
स्वाद है इश्क का चख लीजियेगा ।।
किताबों में किस्से इनके आम रहते हैं,
इश्क है लोग थोडा बदनाम रहते हैं।
जब करोगे तो समझोगे जवानी को,
वरना ऐसे तो सभी नाकाम रहते हैं ।।